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चांदनी रात खूब छिटकी है चांद की चांदनी आज रूप सौंदर्य ऐसा जिसपे है उसको नाज़ उसे देख देख सागर उन्मादित हो रहा बढ़ा के हाथ लहरों के छूने को बाट ...